प्लेटो सुकरात का शिष्य था प्लेटो पर सुकरात का का अधिक प्रभाव पड़ता था कहा जाता है कि प्लेटो के रूप में फिर सुकरात ने जन्म लिया था प्लेटो के ग्रन्थों में सुकरात एक मुख्य पात्र हैं सुकरात के सामान्य का विचार और सदगुण सिद्धांत का प्लेटो पर भी बहुत ही प्रभाव पड़ा।
सदगुण
प्लेटो नेभी सुकरात की तरह नैतिक कर्यों का उद्देश्य सुख की प्राप्ति को बताया है प्लेटो के अनुसार आनंदित है जो न्यायी है न्याय क्या है इसका प्लेटो ने अपने ग्रंथ रिपब्लिक में इसका वर्णन किया है रिपब्लिक में प्लेटो ने चार सदगुण बताइए जो निम्न प्रकार से है।
क्रम संख्या | सदगुण |
1 | ज्ञान |
2 | साहस |
3 | आत्म स्वयं |
4 | न्याय |
न्याय सिद्धांत
अपने न्याय सिद्धांत का प्रतिपादन करने से पहले प्लेटो ने अपने समय में प्रचलित न्याय सिद्धांत का खंडन किया जो निम्न प्रकार से है।
व्यवहारवादी सिद्धांत
ग्लाकन –न्याय भय का शिशु है।
—*** न्याय दुर्बलों की आवश्यकता है।
उग्रवादी सिद्धांत:-
थ्रेसीमेकस — शक्तिशाली का हित ही न्याय है ।
—– अन्याय करना न्याय करने से अधिक अच्छा है।
परंपरागत न्याय सिद्धांत
सिफालस —– सदा सत्य बोलना और अपने ऋण चुकाना ही न्याय है।
पोलिमार्कस—-मित्रों के साथ भलाई और शत्रु के साथ बुराई करना ही न्याय है।
प्लेटो के अनुसार न्याय
न्याय क्या है? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए प्लेटो ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्य का पालन करें और किसी दूसरे के कार्य में ही हस्तक्षेप नहीं करना ही न्याय है प्लेटो ने न्याय को दो प्रकार का बताया है जो निम्न प्रकारसे है।
1 व्यक्तिगत न्याय
2 सामाजिक न्याय
व्यक्तिगत न्याय
प्लेटो ने मानवीय आत्मा का तीन विभाजन किया है और तीन प्रमुख गुण बताए हैं जब व्यक्ति में यह तीनों गुण उचित रूप में पाया जाता है तो व्यक्ति वास्तविक न्यायी है जो गुण है निम्न प्रकार से है
1 ज्ञानी
2 साहस
3 आत्म संयम

2 सामाजिक न्याय
प्लेटो ने व्यक्ति और राज्य के बीच संबंध को माना है और कहां है की राज्य व्यक्ति का विराट रूप है इसीलिए मानवीय आत्मा के तीनों गुण ज्ञान साहस और आत्म संयम राज्य के भी गुण हैं और इन गुना के आधार पर राज्य को तीन वर्गों का निर्माण होता है। 1 शासक वर्ग 2 सैनिक वर्ग 3 उत्पाद वर्ग
शासक और सैनिक वर्ग तीसरे वर्ग उत्पादक वर्ग की रक्षा करते हैं और उनके हितों की पूर्ति करते हैं। इसीलिए संयुक्त रूप से इन दोनों वर्ग को अभिभावक वर्ग कहा जाता है प्लेटो ने अपने न्याय सिद्धांत को कुछ प्रस्तावना पर आधारित किया है जब तक इन सिद्धांतों की पूर्ति नहीं होती ऊं तब तक राज्य में न्याय जीवित नहीं रह सकता है श्रम विभाजन इस है
1 श्रम विभाजन
2 अहस्तक्षेप
3 कार्य विशेष कारण
4 सामंजस्य