जयपुर –राज्य में खनिज संपदा विशाल भंडार मौजूद हैं यदि राज्य सरकार इसको बढ़ावा देना चाहती है इसके बारे में कार्य करें तो राजस्थान सीमेंट उत्पादन में सभी राज्यों से आगे निकल सकता है और प्रथम स्थान प्राप्त कर सकता है देश में सीमेंट उत्पादन में राज्य का दूसरा स्थान है आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान का स्थान आता है। राइजिंग राजस्थान समिट मैं सीमेंट क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश हो सकता है। खान विभाग अकेले सीमेंट क्षेत्र में 35000 करोड रुपए से ज्यादा निवेश प्रस्ताव को लेकर (एम ओ यू)पर हस्ताक्षर कर चुका है। अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है इस निवेश को लेकर अपनी मजबूत इच्छा शक्ति दिखाएं तो राजस्थान देश में सीमेंट उत्पादन में प्रथम नंबर पर आने के साथ ही राजस्व में भी बढ़ेगा
देश की आजादी से पहले राजस्थान में करीब109 सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना की गई। यह फैक्ट्री राजस्थान के बूंदी जिले में लाखेरी में1915 को स्थापित की गई थी यह राज्य की प्रथम सीमेंट फैक्ट्री है वर्तमान में राज्य में सीमेंट फैक्ट्री की संख्या 24 है इसमें प्रत्येक साल 74 टन का उत्पादन होता है राज्य में वर्तमान 2 फैक्ट्री निर्माण अधीन है इनके पूर्ण होने पर उत्पादन क्षमता 3.5 मिलियन टन हो जाएगी प्रत्येक वर्ष उत्पादन क्षमता 77.8 टन हो जाएगी
सर्वाधिक सीमेंट उत्पादक राज्य
स्थान | राज्य |
1 | आंध्र प्रदेश |
2 | राजस्थान |
3 | कर्नाटक |
4 | मध्य प्रदेश |
5 | गुजरात |
वर्तमान में सीमेंट उत्पादन जिले
सवाई माधोपुर |
बूंदी |
उदयपुर |
सिरोही |
नागौर |
करोड़ों का निवेश
राजस्थान में राइजिंग राजस्थान विदेशी कंपनियां द्वारा करोड़ों रुपए का निवेश होने की संभावना है केवल सीमेंट क्षेत्र में ही 35 हजार करोड़ के निवेश की संभावना है यह निवेश वर्तमान में चल रहा है। सीमेंट फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता विस्तार नए प्लांट लगाने के साथ ही विभिन्न कार्यों के लिए किया जाएगा यदि निवेश समय पर किया जाए तो राज्य नेट उत्पादन में प्रथम स्थान प्राप्त कर सकता है राज्य में सीमेंट का समुचित विकास हुआ है भावी उत्पादन की प्रबल संभावना है। यहां पर कच्चे माल की प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है जिसे 1 टन सीमेंट उत्पादन करने में 1. 6 टन कच्चे पत्थर की आवश्यकता होती है। राज्य में जिप्सम का भी उत्पादन होता है। यहां कोयले की आवश्यकता की पूर्ति बार से की जाती है।
सीमेंट उत्पादन की दशाएं
कच्चा माल
सीमेंट उत्पादन में अच्छे माल की आवश्यकता होती है कच्चे माल के रूप में चुनाव खड़िया जिप्सम का उपयोग किया जाता है। राजस्थान में यह कच्चा माल प्रचुर मात्रा उपलब्ध है। इसी कारण यहां सीमेंट उद्योग का विकास हुआ है। मैं किया बड़े कारखाने लेकिन मिनी प्लांट सीमेंट प्लांट अधिक संख्या में होना स्थानीय कच्चे माल की उपलब्धता को बताता है।
ऊर्जा के संसधन
सीमेंट कारखाने में ऊर्जा के स्रोतों के रूप में कोयल का उपयोग किया जाता है। राज्य में कोयले की कुछ खाने हैं परंतु अधिक उत्पादन नहीं होने के कारण कोयल का आयात किया जाता है। राज्य में कोयला छत्तीसगढ़ और कर्नाटक से मंगाया जाता है।
श्रमिक
राज्य में सस्ते श्रमिक उपलब्ध है जिन्हें सीमेंट कारखाने में लगाया जाता है राज्य के बाहरी राज्यों से श्रमिक यहां आते हैं।
पूंजी
निजी उद्योगपतियों ने इस उद्योग मे पूंजी लगाई है। साथ सरकारी प्रोत्साहन एवं ऋण सुविधा उपलब्ध है जिससे पूंजी की कमी नहीं आती है सरकार अनुदान भी प्रदान करती हैं उद्योग को बढ़ावा देने के लिए
परिवहन
राजस्थान में सीमेंट उत्पादित क्षेत्र को स्थलो तथा रेल सड़क मार्ग द्वारा परिवहन किया जाता है।
वर्तमान में सीमेंट की अत्यधिक मांग है। राज्य में तथा राज्य के बाहर सीमेंट की पर्याप्त मांगे है।
राज्य के प्रमुख सीमेंट फैक्ट्री

क्रम सख्या | सीमेंट इकाई | जिला |
1 | एसीसी लिमिटेड | लाखेरी बूंद |
2 | चित्तौड़गढ़ सीमेंट वर्क्स | चित्तौड़गढ़ |
3 | अंबुजा सीमेंट | खरियावास (पाली) |
4 | जेके सीमेंट एवं वंडर सीमेंट | निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) |
5 | मंगलम सीमेंट | मोदक कोटा |
6 | श्री सीमेंट | ब्यावर |
7 | श्री राम सीमेंट | कोटा |
8 | बिरला व्हाइट सीमेंट | गोटन (नागौर) |
9 | हिंदुस्तान सीमेंट | उदयपुर |
10 | जेके लक्ष्मी सीमेंट | सिरोही |
11 | राजश्री सीमेंट | खारिया मीरापुर (नागौर ) |
12 | इंडिया सीमेंट | नोकिया (बांसवाड़ा) |
13 | अल्ट्राटेक सीमेंट | शंभूपुरा (चित्तौड़गढ़) |
14 | बिरला कॉरपोरेशन | चित्तौड़गढ़ |
15 | बिनानी सीमेंट | सिरोही(सीकर ) |
राज्य में सीमेंट के उत्पादन में पर्याप्त प्रगति हुई है वर्ष 1951 में मात्र 2.58 लाख टन सीमेंट का उत्पादन किया गया था जो 1990 में 42.60 लाख टन हो गया था वर्ष 2003 में इसकी मात्रा 84.47 लाख टन हो गई थी। वर्ष 2008 में 94 लाख टन का उत्पादन हुआ। 2006 में 106लाख टन 2010 में 99 लाख टन सीमेंट का उत्पादन वाला 2011 सीमेंट का उत्पादन 94 लाख टन का उत्पादन हुआ था। 2013 में 192 लाख टन और 2014 में 264 लाख टन वर्ष 2015 में 295 लाख टन का उत्पादन हुआ 2016 में इसकी मात्रा 270 लाख तन हो गई जो 2017 में 276 लाख टन हो गया
Rajya cement utpadan mein agar yah sthan hota ja raha hai aur jald hi pahle sthan per pahunch jaega onley ek rajya ko bachana hai ise rajya Vash mein rasta hoga aur logon Ko rojgar bhi milega isase Makan banaa aasan bhi hoga aur rajya tarkki bhi Karega atah yah shandar pal hai vah Rajasthan ke liye